विविध राग और उन्हें सुनने से मिलने वाले   लाभ 


शास्त्रीय संगीत 

विविध राग और उन्हें सुनने से मिलने वाले   लाभ 

 

*1) राग दुर्गा –* आत्मविश्वास बढाने वाला.

*2) राग यमन –* कार्यशक्ति बढानेवाला.

*3) राग देसकार –* उत्थान संतुलन साधने वाला.

*4) राग बिलावल –* आध्यात्मिक उन्नति संतुलन साधने वाला.

*5) राग हंसध्वनि –* सत्यअसत्य को परिभाषित करने वाला राग.

*6) राग श्याम कल्याण –* मूलाधार उत्तेजित करने वाला और आत्मविश्वास बढाने वाला.

*7) राग हमीर  –* आक्रामकता बढाने वाला, यशशक्ति और उर्जा निर्माण करनेवाला.

*8) राग केदार  –* स्वकर्तृत्व पर पूर्ण विश्वास और भरपूर उर्जा निर्माण तथा मूलाधार उत्तेजित करनेवाला.

*9) राग भूप  –* शांतता निर्माण, संतुलन साधकर अहंकार मिटाने वाला.

*10) राग अहीरभैरव –* शुद्ध इच्छा प्रेम एवं भक्तिभाव निर्माण करने वाला एवं आध्यात्मिक

उन्नति पोषक वातावरण निर्मित कर समाधान देने वाला.

*11) राग भैरवी * इड़ा नाड़ी सशक्त करने, भावना प्रधान, सर्व सदिच्छा पूर्ण करके प्रेम वृध्दि  करने वाला.

*12) राग मालकौंस * अतिशय शांतमधुर राग, प्रेमभाव निर्माण करने संसारिक सुख

वृध्दि करने वाला.

*13) राग भैरव –* शांतवृत्ति शुध्द इच्छा निर्माण कर आध्यात्मिक प्रगति के लिये

पोषक एवं शिवतत्व जागृत करने वाला.

*14) राग जयजयवंती –* सुख समृद्धि देने वाला, यश दायक, विशुद्धि की सभी समस्या दूर

करने की क्षमता रखने वाला.

*15) राग भीमपलासी –* सांसारिक सुख प्रेम देने वाला.

*16) राग सारंग –* कल्पना शक्ति कार्यकुशलता बढाकर नवनिर्मिती हेतु ज्ञान प्रदान करने, आत्मविश्वास बढ़ाकर परिस्थिति का ज्ञान देने वाला अत्यंत मधुर राग.

*17) राग गौरी –* शुध्द इच्छा, मर्यादाशीलता, प्रेम, समाधान, उत्थान इत्यादि गुणवर्धक राग.

 

 

 


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