लोक संगीत कि विशेषताए
१ – लोक संगीत मानव कि सभ्यता तथा संस्कुती पर प्रकाश डालते है.
२ – लोक संगीत का कोई एक जनक नही होता है. अर्थात यह पता नही चलता है कि अमुक शैली का जन्मदाता कोन है.
३ – लोक संगीत मानव जीवन कि, उसके सुख-दुख की कहानी को बताता है.
४ – यह देश की संस्कृती का रक्षक है.
५ – लोक संगीत किसी नियम से बद्ध नही होता.
६ – लोक संगीत मे धुने तीन या चार स्वरो मे ही साधारणतहा बनी होती है.
७ – यह सरल भाषा मे होता है.
८ – लोक संगीत मे भाव के अनुसार ताल तथा लय का निर्धारण किया जाता है.
९ – लोक संगीत किसी प्रसंग को सामने रख कर आगे बढता है.
१० – लोक संगीत मे एक हि धून मे कई गीत गाये जाते है. अर्थात धून तो एक हि रहती है पर कविता (गीत) बदलता रहता है.
११ – लोक संगीत मे अनेक वाध्यो का प्रयोग होता है जो क्षेत्र के अनुसार अलग- अलग होते है.
१२ – लोक संगीत साधारण जन के सबसे निकट है.
१३ – लोक संगीत के माध्यम से मानव अपने भावो को अधिक पूर्णता से व्यक्त कर सकता है.
१४ – लोक संगीत मे लालित्य कम पर सौंदर्य अधिक है.
१५ – लोक संगीत मे सभी रसो कि निष्पत्ती होती है.